गरुडगमन तव । Garuda Gamana Tava - Sri Bharati Tirtha Mahaswamiji

गरुडगमन तव चरणकमलमिह ...

Garuda Gamana Tava - Sri Bharati Tirtha Mahaswamiji

गरुडगमन तव चरणकमलमिह
मनसि लसतु मम नित्यम्
मनसि लसतु मम नित्यम् ।।
मम तापमपाकुरु देव
मम पापमपाकुरु देव ।। 1।।

जलजनयन विधिनमुचिहरणमुख
विबुधविनुत-पदपद्म
विबुधविनुत-पदपद्म ।।
मम तापमपाकुरु देव
मम पापमपाकुरु देव ।। 2।।

भुजगशयन भव मदनजनक
मम जननमरण-भयहारी
जननमरण-भयहारी ।।
मम तापमपाकुरु देव
मम पापमपाकुरु देव।। 3।।

शङ्खचक्रधर दुष्टदैत्यहर
सर्वलोक-शरण
सर्वलोक-शरण ।।
मम तापमपाकुरु देव
मम पापमपाकुरु देव ।। 4।।

अगणित-गुणगण अशरणशरणद
विदलित-सुररिपुजाल
विदलित-सुररिपुजाल ।।
मम तापमपाकुरु देव
मम पापमपाकुरु देव।। 5।।

भक्तवर्यमिह भूरिकरुणया
पाहि भारतीतीर्थम्
पाहि भारतीतीर्थम् ।।
मम तापमपाकुरु देव
मम पापमपाकुरु देव।। 6।।

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